बिहार राज्य में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया अंतिम भर्ती यानी 20 अगस्त 2024 से शुरू कर दी गई है। यह सर्वेक्षण राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है ताकि यहां की जमीन के निजी स्वामित्व की पहचान की जा सके और सरकारी जमीनों का विवरण दिया जा सके। प्रत्यक्ष रूप से प्रकट किया जा सकता है।
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इस भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया के दौरान समय अवधि कम होने के कारण भूमि मालिकों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया के लिए जो नियम लागू किये गये हैं, उनमें कई तरह की त्रुटियां देखने को मिल रही हैं.
भूमि स्वामित्व की इस समस्या को हल करने तथा सर्वेक्षण के लिए अधिक समयावधि प्रदान करने हेतु भूमि सर्वेक्षण के नियमों में कई महत्वपूर्ण संशोधन किये गये हैं। इसके अलावा उनकी सुविधा के लिए नए नियम भी शामिल किए गए हैं। गया है।
बिहार भूमि सर्वेक्षण नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में बिहार राज्य में मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री नितेश यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक के दौरान कैबिनेट सदस्यों ने भूमि सर्वेक्षण नियमों में संशोधन को लेकर अपने विचार व्यक्त किये.
इन वोटों के दौरान कैबिनेट के 33 एजेंटों ने नए नियमों को लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है. आपको बता दें कि अब ये सभी भूमि सर्वेक्षण नियम वर्ष 2025 से आधिकारिक तौर पर लागू हो गए हैं, जिससे भूमि स्वामित्व के लिए काफी सहूलियत मिलने वाली है।
भूमि सर्वेक्षण के नये नियम
बिहार राज्य सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण के लिए लागू किये गये नये नियम इस प्रकार हैं.-
- पिछले दिनों की तुलना में अब सर्वे की अवधि 6 महीने तक बढ़ा दी गई है.
- राजस्व ग्राम मानचित्र के सत्यापन की अवधि बढ़ाकर 3 माह कर दी गई है।
- रैयतों से दावे की अवधि बढ़ाकर 60 दिन यानी 2 माह कर दी गयी है.
- इसके अलावा जमीन के दस्तावेज जमा करने की अवधि 3 महीने बढ़ा दी गई है.
भूमि सर्वेक्षण नियमों में संशोधन का उद्देश्य
भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया के दौरान प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि सर्वेक्षण का कार्य किया गया है, इस दौरान रैयतों को दाखिल-खारिज सहित कई प्रकार के कार्यों में परेशानी हो रही थी तथा सरकारी कार्यालयों का चक्कर भी लगाना पड़ रहा था. . इस समस्या के समाधान के उद्देश्य से जमीनी सर्वेक्षण के लिए नई नियमावली जारी की गई है।
नये भूमि सर्वेक्षण नियम से सुविधाएं
भूमि सर्वेक्षण हेतु नये नियम जारी होने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हुए हैं:-
- अब भूमि स्वामित्व के लिए भूमि सर्वेक्षण के लिए अधिक समय मिलेगा।
- इस दौरान वे अपनी भूमि सर्वेक्षण का कार्य बिना किसी व्यवधान के आराम से करा सकेंगे।
- वे 3 महीने की अवधि के भीतर किसी भी समय सर्वेक्षण के साथ अपनी भूमि के दस्तावेज भी जमा कर सकते हैं।
- अब जमीन मालिकों को ग्राम पंचायत या किसी सरकारी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं होगी.
जमीनी सर्वेक्षण के लिए आवेदन संख्या
बिहार में भूमि सर्वेक्षण के लिए आवेदनों की संख्या अपेक्षाकृत 7 लाख तक है, जबकि अब तक 3 लाख तक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. यह आवेदन प्रक्रिया कुल प्राप्त आवेदनों का मात्र 40% है। आवेदनों की संख्या कम होने के कारण सर्वेक्षण टीम लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे कर रही है. ऐसे में सभी नागरिकों को अपनी जमीन का सर्वे कराने के लिए आवेदन करना चाहिए।
भूमि सर्वेक्षण के लिए आवेदन कैसे करें?
भूमि सर्वेक्षण के लिए निम्नानुसार ऑनलाइन आवेदन करना होगा।-
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको डीआईआरएस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आपको इस वेबसाइट के होम पेज पर अन्य प्रमुख विवरणों के साथ अपनी जमीनी जानकारी दर्ज करनी होगी।
- यह जानकारी दर्ज करने के बाद जमाबंदी रसीद को स्कैन करके अपलोड करें।
- अब फॉर्म को भरकर सबमिट बटन की मदद से सबमिट करना होगा।
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